तुम क्या लेकर आये थे, |
और क्या लेकर जाओगे… |
वक़्त कहाँ चाहिए ये सोचने के लिए, |
इक बिखरी हुई रूह को। |
कुछ अधूरे ख्वाब, |
कुछ अधूरा एहसास, |
और अधूरा प्यार… |
कुछ अधूरी इज्ज़त, |
कुछ अधूरी सोच, |
और कुछ अधूरी हसरतें... |
हथेली में भरी निराशाएं, |
आस्मां भरी नफरतें, |
ये तनहाइयाँ… |
और कुछ अधूरी तमन्नाएँ…। |
जीवन की अनसुलझी परिभाषा, |
और इक अधूरी ज़िन्दगी…। |
इतना कुछ तो है साथ ले जाने को… |
बहुत होगा ये सब ऐ खुदा, |
शायद इक और जन्म बिताने को… |
वर्ना कमी थोडेना है तेरे पास, |
और न ही कभी कंजूसी की… |
तूने ये सब मुझ पे लुटाने की…… ।। |