तुझसे मिलना ज़रूरी न था |
तुझे जानने के लिए |
या समझने के लिए |
तेरी तस्वीरें तेरा दिल बयाँ करती हैं |
और तेरी हंसी तेरी मासूमियत |
न मिलकर भी यकीं है कि |
उस हंसी की खनखनाहट और भी मासूम होगी |
तेरी चिठ्ठी से आसां था |
तेरी भावनाओ को समझना |
वो बारिश की तस्वीर |
तुझमें छुपा एक बचपन बयाँ करती है |
वो इश्वर की बातें, |
दोस्तों की मजबूरियों को समझना, |
तेरा 'किसी अपने की खोज', |
तेरी ज़िन्दगी की उलझनें बयाँ करता है |
अगर कुछ समझ न पाया |
वो नियति का खेल |
वो दौर जिससे तू गुज़र रहा है ऐ दोस्त |
है इंतज़ार तुझसे गुफ्तगू का |
तेरी आवाज की खनखनाहट सुनने के लिए |
है इंतज़ार तुझसे मिलने का |
तेरे ग़म बाँटने के लिए |
और अपनी खुशियों में शामिल करने के लिए |
यकीं है कि हम मिलेंगे, कहीं न कहीं |
क्यूंकि उसने तुझसे एक रिश्ता बनाया है |
और फिर, शायद हम एक जरिया हो |
तेरी कुछ और मुस्कुराहटो का |
Sunday, May 13, 2012
Keep Smiling ツ
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