Sunday, May 13, 2012

Keep Smiling ツ


तुझसे मिलना ज़रूरी न था
तुझे जानने के लिए
या समझने के लिए
तेरी तस्वीरें तेरा दिल बयाँ करती हैं
और तेरी हंसी तेरी मासूमियत
न मिलकर भी यकीं है कि
उस हंसी की खनखनाहट और भी मासूम होगी 
तेरी चिठ्ठी से आसां था
तेरी भावनाओ को समझना
वो बारिश की तस्वीर
तुझमें छुपा एक बचपन बयाँ करती है
वो इश्वर की बातें,
दोस्तों की मजबूरियों को समझना,
तेरा 'किसी अपने की खोज',
तेरी ज़िन्दगी की उलझनें बयाँ करता है
अगर कुछ समझ न पाया
वो नियति का खेल
वो दौर जिससे तू गुज़र रहा है ऐ दोस्त
है इंतज़ार तुझसे गुफ्तगू का
तेरी आवाज की खनखनाहट सुनने के लिए
है इंतज़ार तुझसे मिलने का
तेरे ग़म बाँटने के लिए
और अपनी खुशियों में शामिल करने के लिए
यकीं है कि हम मिलेंगे, कहीं न कहीं
क्यूंकि उसने तुझसे एक रिश्ता बनाया है
और फिर, शायद हम एक जरिया हो
तेरी कुछ और मुस्कुराहटो का

4 comments:

  1. I was going through my old blog posts & i realized that there is some connectivity since September 2010. I just loved your post ,it is one of the best poems i have read to describe.......Its magical.........Surely this time God has paved the way beautifully . It is very rare that people take time out of their Calendar and think about others.Today two people including same pinch made my day & the Credit goes to someone ( once in blue moon
    ( :-) ).

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  2. tu mera hidden talent kabhi samajh hi nahin payi... :P

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