Saturday, October 6, 2012

an honest dedication.... LOL !!


आज मेरी ज़िन्दगी में ये कैसा दिन आया है
चुड़ैल का साथ मैंने तीन साल निभाया है
वो हसीं वो प्यार एक प्यारा सुखद एहसास
जो जाता रहा मेरी ज़िन्दगी से तेरे आने के बाद
आज भी चाहत वो दिन वापस पाने की
चुड़ैल के चंगुल से निकल भाग जाने की
पर कहाँ वो होता है जो इंसान ने चाहा है
किस्मत ने मुझे कदम कदम पे रुलाया है
तेरे नज़दीक से भी निकल जाने पर भी
एक अजीब डर सताता है
कहीं तू चुडैलपना न दिखा दे
और मेरा शरीर सेहर जाता है
गर ऑफिस में न भी होऊं
तो सपनो में तू आती है.... और
अपना जलवा फिर तू मुझे डरा के दिखाती है