Thursday, January 1, 2015

ख़ुशी तलाशती ज़िन्दगी...!!

रुक सी गयी है ज़िन्दगी
थम सी गयी है ज़िन्दगी
उस बारिश की मिटटी की तरह
जम सी गयी है ज़िन्दगी

दूसरों की खुशियोंमें खुश रहना
रह गयी हैज़िन्दगी
अपनी ख़ुशी तलाशती
रह गयी हैज़िन्दगी

ना किनारा कोई ना नाव कोई
बहता पानी ले जा रहा है कहीं
रुक सी गयी है ज़िन्दगी
थम सी गयी है ज़िन्दगी

रुक सी गयी है ज़िन्दगी
थम सी गयी है ज़िन्दगी

अपने छोड़ देतेहैं साथ
रिश्तों से उठगया है विश्वास
बस हूँ मैं अकेली
ये बन गया है विश्वास

रुक सी गयी है ज़िन्दगी
थम सी गयी है ज़िन्दगी
उस बारिश की मिटटी की तरह
जम सी गयी है ज़िन्दगी


- Nidhi Gupta -

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